Stone age: पत्थरों में छुपी कहानी
पाषाण युग: वह दौर जब इंसान ने पत्थर से बनाई थी दुनिया की नींव
आज हम जिस दुनिया में रहते हैं, स्मार्टफोन से लेकर गगनचुंबी इमारतों तक, इसकी शुरुआत कहीं न कहीं लाखों साल पहले एक पत्थर से हुई थी। यह कहानी है पाषाण युग की – इंसानी सभ्यता का सबसे लंबा और शायद सबसे महत्वपूर्ण अध्याय।
क्या था पाषाण युग?
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, पाषाण युग वह कालखंड था जब इंसान के जीवन का केंद्र 'पत्थर' था। इसी दौरान इंसान ने पत्थर को तराशकर अपना पहला औजार बनाया। इतिहासकारों ने इस युग को मुख्यतः तीन हिस्सों में बांटा है:
1. पुरापाषाण युग (Paleolithic Age): यह सबसे पुराना और सबसे लंबा दौर था। इंसान खानाबदोश था, शिकार करता था और जंगली फल-फूल जमा करके अपना गुजारा करता था। आग की खोज इसी युग की सबसे बड़ी उपलब्धि थी, जिसने उन्हें ठंड और जंगली जानवरों से सुरक्षा दी।
2. मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age): इस दौरान जलवायु में बदलाव आया और इंसान ने छोटे और अधिक नुकीले पत्थर के औजार बनाना शुरू किया। इन्हें 'माइक्रोलिथ' कहा जाता है। इंसान ने कुत्ते को पालतू बनाना भी इसी युग में शुरू किया।
3. नवपाषाण युग (Neolithic Age): यह पाषाण युग का सबसे क्रांतिकारी दौर साबित हुआ। इसे 'नवपाषाण क्रांति' भी कहते हैं। इंसान ने खेती करना सीख लिया, जिसके कारण उसे एक जगह बसना पड़ा। गाँवों का निर्माण हुआ, पशुपालन शुरू हुआ और मिट्टी के बर्तन बनाने की कला का विकास हुआ। यहीं से स्थायी समाज की नींव पड़ी।
क्यों महत्वपूर्ण है यह युग?
पाषाण युग केवल पत्थर के औजारों की कहानी नहीं है, बल्कि इंसानी दिमाग के विकास की गाथा है। इस युग ने हमें सिखाया:
· आविष्कार की भावना: एक पत्थर को तराशकर हथियार बनाना, पहिया का आविष्कार करना – यह सब उसी सोच का परिणाम था जो आज हमें चाँद तक ले गई।
· सहयोग और समाज: शिकार करने और बस्तियाँ बसाने के लिए इंसान ने एक-दूसरे के साथ रहना सीखा। भाषा और संचार के बीज यहीं पनपे।
· कला और आस्था के बीज: भीमबेटका (मध्य प्रदेश) जैसी गुफाओं में मिले चित्र दर्शाते हैं कि पाषाण युग के मानव में सौंदर्यबोध और आस्था की भावना थी।
निष्कर्ष:
पाषाण युग हमारी सामूहिक यात्रा की शुरुआत थी। यह वह समय था जब हमारे पूर्वजों ने बिना किसी ब्लूप्रिंट के, केवल अपने अनुभव और बुद्धि के बल पर, आधुनिक सभ्यता की आधारशिला रखी। आज हम जिस तकनीक पर नाज करते हैं, उसकी जड़ें उसी पत्थर के फावड़े और कुल्हाड़ी में हैं, जिसे एक दिन किसी जिज्ञासु इंसान ने जमीन से उठाया था। यह युग हमें सिखाता है कि छोटी शुरुआत के बावजूद, लगातार सीखते रहने और नया करते रहने की क्षमता ही इंसान की सबसे बड़ी ताकत है।

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